रात को खाली पेट सोने के फायदे क्या आप जानते हैं यदि नहीं तो इस पेज में आपको ऐसी बातें पता चलेंगे, जो आपके जीवन को बदल के रख देगा | आप मैं सभी लोग यात्री को भोजन करके तुरंत सो जाते हैं। हम अपना मुख्य भोजन रात को ही करते हैं रात को ठूंस-ठूंस के हम भोजन करते हैं ।और खाते हैं एवं सो जाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे शरीर में 84 प्रतिशत बीमारियां इसी वजह से होती है। रात में पेट भरकर खाना खाना यह तो बिमारी के लिए सोने पर सुहागा है इसीलिए यदि हम एक महीने खाली पेट सोने जाते हैं, तो इससे हमारे शरीर का 84% बीमारियां खत्म हो जाएगी। इससे आपको बीमार ही नहीं होगी । बल्कि लंबे समय तक जवान रहेंगे ।
फायदे और नुकसान
यदि रोज भरपेट खाने के बाद सोने चले जाने पर अनेक रोगों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन जो भी व्यक्ति इस नियम का पालन करता है वह वृद्धावस्था में भी युवा दिखाई पड़ता है। चेहरे पर तेज रहता है, उसकी त्वचा में एक चमक रहती है वह हर समय ऊर्जा से भरपूर रहता है। और जो व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं करता है। वह भारी जवान में भी बुड्ढा दिखाई देने लगता है उसके बाल सफेद हो जाते हैं चेहरे पर झुर्रियां पड़ जाती है । त्वचा रूखी रूखी हो जाती है। और वह हमेशा थका- थका महसूस करता है।
खाली पेट कैसे सोए
आपको भूखा नहीं सोना चाहिए। बस सोते समय पेट खाली होना चाहिए। और यह नियम बहुत ही आसान है। और इसे हर व्यक्ति अपना सकता है। तुम भी अपना सकते हो, बस तुम्हें इसका ठीक से पालन करना आना चाहिए। यह बिल्कुल भी नहीं है कि तुम सुबह भोजन करो और इसके बाद भोजन ना करो। अगर रात को भूखे सोने जाओ। इसके लिए आपको 7:00 बजे तक भोजन कर लेना है। और उसके बाद 9, 10 बजे ही सोना है। तो आपके पास लगभग 2 घंटे का समय होता है यह जो 2 घंटे है, इसमें जो भी अपने हल्का-फुल्का भोजन किया है वह आपके पेट से नीचे उतरना शुरू हो जाते हैं और उसका अर्ध पाचन हो जाता है। और आधा बचा हो, वह रात्रि 1:00 बजे तक पच जाएगा। और 1:00 के बाद आपके प्राण शक्ति मरमत का कार्य करेंगे।
प्राण शक्ति ठीक से कार्य करने के तरीके
अर्ध उपवास: इसमें आपको 16 घंटे का उपवास करना है। 7:00 भजन कीजिए। और उसके बाद सुबह: 11 ही भोजन करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके शरीर के पास 16 घंटे होते हैं जिसे वह भोजन का पाचन भी करेगा और उसे भजन को पचाने के बाद वह मरमत का कार्य करेगा। और यह तीन से चार दिन में असर देखना शुरू हो जाएगा। इसके बाद आपका दिमाग अच्छा से कार्य करेगा। जिसे पढ़ाई में आपको बहुत मदद मिलेगा।
हमारे शरीर में एक प्राण शक्ति होता है, जो हमारे सभी कार्यों को ठीक से करता है जब हम भोजन करते हैं तो वह प्राण शक्ति हमारे भोजन को पचाने में लग जाती है। हम कोई दिमाग का कार्य कर रहे होते हैं तो उस समय वह प्राण शक्ति उसे दिमाग की कार्यों का ठीक से तरीके से संचालित करने में लग जाती है। जब हम दौड़ रहे होते हैं तो दौड़ते समय भी हमारे जो प्राण शक्ति है वह कार्य करती है।
वह प्राण शक्ति हमारे शरीर के हर कार्यों को संपादित करती है, लेकिन यह एक बात समझने वाली है कि प्राण शक्ति केवल एक समय में एक ही कार्य कर सकते हैं। अगर आप भोजन करते हैं, और भोजन करने के तुरंत बाद, अगर आप गहरी सोच में पड़ जाते हैं, तो आपके पाचन तंत्र पर इसका प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि जो प्राण शक्ति है वह पूरे तरीके से भोजन पचाने में लग ही नहीं पाती है। उसे तो अपने काम बांट दिया है। प्राण शक्ति का काम था कि जो भोजन अपने खाया है वह उसको पचाए। लेकिन आप तो गहरी सच में डूब गए और प्राण शक्ति को और एक नया काम मिल गया।
अगर आप भोजन करने के बाद कोई शारीरिक परिश्रम करने शुरू कर देते हैं या फिर तेज-तेज चलना शुरू कर देते हैं, तो यह भी ठीक नहीं है।क्योंकि प्राण शक्ति जो पूरी तरह से पाचन पर लगनी थी, वह अब आपके तेज चलने पर खर्च हो रहा है। इसीलिए आपको भोजन करने के बाद बहुत तेज नहीं चलना है, नहीं तो आपके प्राण शक्ति आपके तेज चलने की तरफ आकर्षित हो जाएगी अतः प्राण शक्ति एक समय में एक ही कार्य कर सकती है।
देर रात खाना खाने से प्रभाव
1. हमारे जठर अग्नि सूर्य के साथ काम करती है यानी कि जैसे-जैसे सूर्य का उदय होता है, वैसे-वैसे आपके पाचन अग्नि बढ़ाने शुरू हो जाती है। दोपहर में बढ़ जाती है और संध्या काल में थोड़ी मंद पड़ जाती है। रात में तो और भी मंद पड़ जाती है। इसीलिए जब आप देर रात में भरकर भोजन करते हैं, तो भोजन पेट में सड़ने लगती है। और शरीर में गंदगी के रुप में जमा हो जाती है बाद में जहर का कारण बनती है, जो शरीर के लिए हानिकारक है
2. रात के समय आपकी प्राण शक्ति मरम्मत में लगनी चाहिए। जो दिन के समय टूट फुट होती है। लेकिन आप तो भोजन के बाद तुरंत सो जाते हैं। प्राण शक्ति का दो कार्य हो जाता है सोना और पचाना, जबकि प्राण शक्ति एक समय में एक ही कार्य कर सकता है। प्राण शक्ति पूरी तरह भोजन पचाने में लग जाती है और मरम्मत का कार्य रुक जाती है। जिससे सारी बीमारियां शुरू हो जाती है
3.जब भोजन के बाद तुरंत सोने चले जाते हैं तो आपका दिमाग कहता है कि मुझे तो नींद चाहिए। लेकिन आपका पाचन तंत्र कहता है कि मुझे तुमने काम दिया है अब इस काम को मुझे करना है। तो आप भी जागते रहेंगे। इसी वजह से हमको नींद नहीं आता है और ऐसी स्थिति में नींद गहरी नहीं आती है। जिससे सात – आठ घंटे सोने के बाद भी थका-थका महसूस होता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रात भर प्राण शक्ति ठीक से मरम्मत शरीर को नहीं कर पाया है। अगर भूख लगे तो क्या करें अगर आपको 7:00 बजे खाने के बाद भी भूख लगती है तो आप उसे जूस या दूध भी ले सकते हैं क्योंकि यह आपकी मरमत कार्य में बाधा नहीं बनता है
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